लो चुनाव भी हो गए |
२७२ के बहुमत के आंकडे १० दलों के मेल
मिलाप से ले-दे के पार हुए |
किसी के ६५ ,बड़े दल के १२५ ,फिर २२ ,१८,१२,१०,८,६,४ और २ |
नेता चुनने की चर्चा हुई |
बड़े दल वाले ने स्वाभाविक तौर पर अपना
बहुप्रचारित ‘केंडीडेट’ उछाला |
तय हुआ कि सब उन्हें समर्थन देंगे |
वो आसान पर पहुंच पाते कि दूसरी पार्टी
के कठ-पुतले ने सवाल दागा ;ठहरो ! पी एम केंडिडेट !पहले ये बताओ कि तुम धर्म-निरपेक्ष हो ?
अगर तुम धर्म-निरपेक्ष हो ,सब धर्मों को साथ लेकर चल सकते हो तो पी
एम् की कुर्सी की तरफ कदम बढ़ाओ,वरना पीछे हट जाओ ,यहाँ बहुत से केंडीडेट्स हैं जो धर्म-निरपेक्षता का बेहतर परायण करते
हैं |
सवाल उठाने वाले को, केंडिडेट के सपोर्टर द्वारा , एक कोने में ले जाकर समझाइश दी गई |मंत्री-मंडल में पोस्ट आफर की गई ,वे शांत हुए |
दूसरा कठ-पुतला उठा ;सवाल दागा ,अगर आपमें महंगाई कम करने का माद्दा है
तो ये कुर्सी आपकी वरना ,कई दूसरे दावेदार हैं|
वे पहले की तरह समझा दिए गए |
तीसरे कठपुतले ने रास्ता रोका ;आप विदेशी धन को वापस ला पायेंगे ?अगर है ताकत तो आगे बढिए वरना दूसरों को
मौक़ा दिया जाए |
मुद्दे पर गर्मागर्म बहस बाजी हुई|स्पष्ट आश्वासन के अभाव में तीसरा
रास्ता छोडने की तबीयत नहीं बना पा रहा था| मगर लेन-देन का हाई परसेंटेज देख के वो
भी कहीं दुबक गया |
चौथे मुंहफट ने कहा ;दलित हितों की रक्षा कर पायेंगे तो बैठ
जाइए कुर्सी पर ,नहीं तो हम किसी दलित को ढूंढते हैं ?
हमारे २२ हैं ,किसी और से मिल लेंगे |
खुली धमकी मिली, सब के कान खड़े हो गए |
बड़े सौदे पर बात ठहरी |चौथे के काया पलट होने के आसार बन गए|
बड़ी बात ,बड़ा सौदा |वे भी निपट लिए |
पांचवे ने पूछा ...सीमा पर दुश्मन को
रोकने की क्षमता वाला ही बैठे |सीना ठोंक के दुश्मन को लोहे के चने चबवा सकते हो तो आगे बढ़ो ,वरना पीछे वाले को मौका दो |
छटवे ने कहा ;प्याज दिलवा सको तो हम कुर्सी का रास्ता
आपके लिए साफ किए देते हैं |
सातवां कट-पुतला अपनी बारी ताक रहा था ,दमदार तरीके से बोला सी .बी आई की धमकी
बंद हो तो हम निशंक आपके दरबारी बने ,वरना ....
नौंवा कठपुतला ,उदास सा दिखा ,बाढ़ में हमने ,हमारे गाँव ने सब कुछ गंवा दिया है ,यदि पॅकेज का आश्वासन दें तो आपकी तरफ
आते हैं ,कुर्सी की राह दिखाते हैं |
दसवें कठ-पुतले की तकलीफ थी;सडक ,पानी ,बिजली नहीं रहती ,लोग अभी तो जितवा दिए, आगे जीत के आ पायें और आपको वोट देते
रहे ,इसका इंतजाम हो तो आपको कुर्सी भेंट करे ,वरना ....
ग्यारहवें की जिज्ञासा थी ,देश में मिड –डे मील का ठेका किसे मिलेगा ?
वैसे उनका परिवार ,रोज नहा-धो कर ‘मील’ तैयार करने की गारंटी देता है | वरना ....
बारहवें ने ब्यान दिया ; हमे जंगल में बेरोकटोक आने-जाने की छूट
हो |हमारा दिशा-मैदान वहीं अच्छी तरह से होता है |अगर ये छूट न मिली तो......
तेरहवें कठ-पुतले ने कैरोसीन ,पेट्रोल पम्प ,रसोई-गैस पर निशाना साधा|हम पर ये जिम्मेदारी अगर दी जाती है ,तो साल में फकत दो बार दाम बढाने का हम
वचन देते हैं |
आसन पर आप विराजमान हो ,लंबी पारी खेले |
चौदहवें कठ-पुतले ने वरदान पाने जैसी
मुद्रा में चिरौरी की और भस्मासुर तरीके से धमकी डे डाली ,महाराज ‘तेलगंज’ बना दीजिए, नए राज में हम आपका ‘तिलक’ करेंगे |तेलगंज नहीं बना तो, ‘चुनावी –गाना’ अगले इलेक्शन का सब लोग फिर से लिखवा
लें ...
पंद्रहवें,सोलहवें, ,सत्रहवें ने ध्वनिमत से चौदहवें का
समर्थन किया |
केंडीडेट मुस्कुराए |
अपने ‘चौंसठ-योगियों’ की तरफ निगाह फेंक कर ‘क्या कहते हो टाइप’ इशारा किया |
योगियों ने ‘लेट –कट शाट माफिक’ प्रश्न को पेंडिग टाइप कर दिया |
अठ्ठारहवें ने, ‘केंडिडेट’ को,जो आसन के नजदीक पहुंच रहे थे, आसन के नजदीक जाने से जबरदस्त तरीके से
रोक दिया |
लम्बे उबाऊ भाषण ,बीच-बीच में अपनी पार्टी के लिए वरदहस्त,अच्छे पोर्टफोलियो वाली मिनिस्ट्री ,कार्यकर्ताओं के लिए निगम –आयोग में सुरक्षित कुर्सी ,लाल-पीली बत्तियों की कई गाड़ियों की
फरमाइश की झडी लगा दी |
उन्नीस से बत्तीस तक के कठ-पुतले, दंड पलते रह गए | बोलने का मौक़ा नहीं मिल सका |वे तिलमिलाए|आम दिनों की तरह वे अपनी पे उतर आए |वे हंगामेदार हो गए|
वे आसन को घेर कर खड़े हो गए |उन्होंने बुलंदी से चिल्लाते हुए
चैलेंज्दार लहजे में कहा –हमारे सपोर्ट के बिना देखे कौन बनता है यहाँ ‘नेता’ ?कोई कैसे हथिया सकता है ‘आसन’ ?
फिर बत्तीस के बत्तीस कठ-पुतले हंगामा-
हवन में कूद पड़े |घमासान जारी हो गया |
कुर्सी –माइक चलने की शुरुआत होती कि तभी,सुबह-सुबह चाय-प्लेट के शोरगुल में नींद
खुल गई|
कहते हैं सुबह-सुबह का सपना सच होता है |
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**सुशील यादव ,श्रिम सृष्टि, अटलादरा,सन फार्मा रोड ,वडोदरा (गुज)
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