बादल तो मेरे छत को, भीगोने नहीं आते
आसान से सदमो में , रोने नहीं आते कुछ दिन से इधर बिकने, खिलौने नहीं आते
बुनने को तरीके से, बिछौने नहीं आते
बंजर सी मिली हमको, विरासत में जमीने
क्या काटेगें, ये सोच के, बोने नही आते
जी घर नहीं लगता , हम सोने नहीं आते
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